स्थानीय आरक्षण के नाम पर समाजिक आरक्षण को खत्म करने की साजिश : बहुजन समाज

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समाजिक  आरक्षण नहीं देना पड़े, तो मनुवादी सरकारी व्यवस्था कुछ भी षड्यंत्र करेंगे।
मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार द्वारा घोषित ओबीसी आरक्षण पर उच्च न्यायालय ने रोक लगा दी थी।
आरएसएस नीती  युक्त, शिवराज  सरकार ने मध्यप्रदेश में परसों #ओबीसी आरक्षण और क्रीमी लेयर विरोध पर जगते ओबीसी से परेशान होकर स्थानीय मुद्दा का खेल शुरू किया है।
देश भर के ओबीसी को संदेश देना चाहूँगा कि स्थानीय आरक्षण मतलब होता है “#स्थानीय सवर्ण आरक्षण “।
इससे नुकसान स्थानीय और बाहरी एस सी एस टी / ओबीसी का सिर्फ होता है।

स्थानीय आरक्षण मे स्थानीय समाज मे समाजिक आरक्षण का  कोई प्रावधान नही होता ।
पहला उस राज्य में मण्डल कमीशन रिपोर्ट नहीं करने का बहाना होता है। उदहारण के लिए मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार द्वारा OBC Reservation पर उच्च न्यायालय के स्थगन आदेश को पूर्व सरकार ने एक वर्ष तक निरस्त कराने के लिए कोई प्रयास ही नहीं किया । और न ही न्यायालय में आठ माह तक आरक्षण के मामले में कोई प्रतिवाद दाखिल किया। और शिवराज सरकार क्यों इसमें कुछ करेगा। तो यह दाव बहुजन आरक्षण को निरस्त करने के लिए है।

ध्यान रहे कि एक राज्य का आरक्षित वर्ग दूसरे राज्य में अनरिजर्व कैटेगरी में जा सकता है, जिससे उस राज्य में इस कैटेगरी के सवर्णों को व्यापक चुनौती मिलती है और उनका नुकसान होता है। अतः जहाँ जहाँ भाजपा शासन में है, वह यह दाव खेलती है।
बहुजन समाज के सामाजिक न्याय के विरुद्ध इस षडयंत्र का मुकाबला करें और मण्डल कमीशन रिपोर्ट पूरी तरह लागू किये जाने के अपने माँग पर कायम रहें।

जय मण्डल ,जय संविधान।

डॉ सूरज मण्डल ,दिल्ली विश्वविधालय ।

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