बिहार मे गया जिले के ‘लौंगी भुइयां’ दुसरे दशरथ मांझी साबित हुए हैं: डॉ उपेन्द्र सत्यार्थी
‘लौंगी भुइयां’ बिहार (गया) के दूसरे दशरथ मांझी हैं।
इन्होंने अपने गांव की गरीबी दूर करने के लिए 5 किलोमीटर लंबी, चार फीट चौड़ी व तीन फीट गहरी नहर की खुदाई कर डाली। इस कार्य में इनके 20 साल खर्च हुए। लौंगी भुइयां को गांव के किसानों का दर्द सहा न जाता था। इन्हें इस बात से पीड़ा होती थी कि गांव के किसान व युवावर्ग अपनी पत्नी व बच्चों को घर में छोड़कर कमाने के लिए कहीं और जाएं। इसी बात से दुखी होकर लौंगी भुइयां ने एक भीष्म प्रतिज्ञा ली कि अकेले गांव के किसानों लिए नहर खोदेंगे और लगभग 20 सालों के अथक मेहनत के बदौलत इन्होंने नहर खोद डाली। आज यह नहर खेतों की सिंचाई के लिए पूरी तरह तैयार है। आपके जज़्बे को कोटि कोटि सलाम ।
डॉ उपेन्द्र सत्यार्थी
(Asst Prof ,CUJ ,Ranchi)