नपुंसक चौकीदारों का राजशी इतिहास : सोशल मीडिया

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एक नपुंसक व तगड़े व्यक्ति को चौकीदार कब बनाया जाता है । इसके पीछे भी बहुत सी  प्रचलित व ऐतिहासिक कहानिया है ।

पुराने जमाने में जब राजे-महाराजाओं के बड़े बड़े हरम और खजाने होते थे तो उन्हें हमेशा डर लगा रहता था की कोई इन्हे ना लूट ले। दूसरा डर रहता था की कोई उनसे सत्ता ही ना छीन ले।यदि इतिहास को कुछ खंगाले तो ये प्रथा  शुरुआत से ही मिलता है की एक तगड़े व्यक्ति को नपुंसक बना के इन दोनों चीज़ों की चौकीदारी में लगाया जाता था।

इतिहास के सबसे पुराने जिक्र के तौर पर सुमेरियंस का जिक्र लिया जा सकता हैं, की लगाश शहर में बड़ी तादाद में लोगों को उसी तरह नपुंसक बनाया जाता था और फिर उन नपुंसक बने व्यक्तियों को खजाने और हरम की रखवाली के लिए तैनात कर दिया जाता था।इस से फायदा ये होता था की क्यूंकि उनकी कोई औलादें नहीं होती थी, और ना ही हो सकती थी, इसलिए उनके भ्रष्टाचार करने के या बगावत करने के संभावनाए सबसे कम रहती थी। और तो और ,वो राजमहलो मे अपनी शारीरिक सेवा राजा व रानियो को देते थे । अक्सर इतिहास मे ऐसे कई समलैंगिक ,सबल ,सक्षम शाही व निजी चौकीदार की नियुक्ति की जाती थी ।

सुमेरियंस ऐसे लोगों को रॉयल गार्ड यानी निजी शाही चौकीदार बोला करते थे।ये शाही चौकीदार कई राजाओं के महामंत्री और प्रधानमन्त्री तक के पद तक पहुँच जाते थे निजी शारीरिक तालुकात की वजह से। उदाहरण के तौर पर एक किदवंती ये है की अल्लाहुदिन खिलजी का निजी व शाही चौकीदार से समलैंगिक तालुकात थे ।सिकंदर भी अपने सेनापति से समलैंगिक रिश्ता रखता था ।इन शाही चौकीदारों की खासियत ये रहती थी की ये गरीब या गुलाम लोगो के घरों के लोग होते थे जो शाही चौकीदार बनने के बाद अपनी ऐशों आराम की ज़िन्दगी जीते थे, महंगे वस्त्र और गहने वगैरह से अपने जिंदगी के जरूरत व शौख पूरे करते थे जो की इन्हे राजाओं के जरिये मिलते थे।

ग्रीक सभ्यता में इन लोगों के बारे में Orion of Thebes से जाना जा सकता है। बाइबिल में भी Israel और Judah के राज्यों में इस तरह के ऐसे चौकीदारों का जिक्र है। मिडिल ईस्ट के अस्सीरियन एम्पायर और Egypt के फरोआह के राज में भी ऐसे जिक्र भरे पड़ें हैं। क्लियोपैट्रा के महल की रखवाली यही शाही चौकीदार किया करते थे। शाही चौकीदारों की वैल्यू सबसे ज्यादा बढ़ी Roman और फिर Byzantine Empire में। रोमन एम्पायर में शाही नपुंसक चौकीदार सत्ता के ऊंचे ऊंचे पदों पर सत्तासीन रहे थे,Eusebius, Eutropius, और Narses इसके सबसे बड़े उदाहरण हैं।

चीन की सुई, जिन, हान, टैंग, लियाओ, वगैरह सभी राज घरानो  में शाही नपुंसक चौकीदारों का दबदबा रहा था।ऐसे ही कोरिया ,थाईलैंड इत्यादि लगभग हर देश के इतिहास में ऐसे शाही नपुंसक चौकीदारों का जिक्र रहा है।

रोमन एम्पायर के बाद जहां सबसे ज्यादा जलवा इन शाही नपुंसक चौकीदारों का ओटोमन एम्पायर में दीखता है । जहां ऑटोमॅन्स के दोनों बड़े हरम, तोपकपी, और Dolmabahçe, इन दोनों की जिम्मेदारी इन्ही शाही नपुंसक चौकीदारों से करवाई जाती थी। ओटोमन राज्य में Dar al Saada Ağası सबसे ताकतवर पोजीशन थी जो की हरम और चौकीदार व जासूस दोनों के कण्ट्रोल मे थे। सबसे मशहूर शाही चौकीदार जो ओटोमन एम्पायर में बशीर आघा (1730 ई०) था ।

बाकी दुनिया के मशहूर शाही चौकीदार हुए हैं जैसे की :- Mutakkil Marduk(अस्सीरिया), Aspamistres(पर्शिया), Bagoas(सिकंदर के खासमखास), Ganymedes(Cleopatra) की बहन का  नपुंसक चौकीदार जिसने Ceaser को 3 बार मारने की कोशिश की), मलिक कफूर(खिलजी के एकदम खासमखास हुए हैं, जो की बेहतरीन योद्धा भी थे) ।

भारत भी अमीरों का देश रहा है । और सदियो से चली आ रही इस प्रथा को आज भी किसी हद तक पालन किया जाता है । घर की इज्जत ,संपत्ति ,आबरू की रक्षा के लिए ताकतवर व निष्क्रिय मर्दाना गुणो वाले चौकीदार रखे जाते है ।

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