गोलियों ने किया आजमगढ़ को फिर से लाल , BDC सदस्य की गोली मारकर हत्या: रिहाई मंच
प्रदेश मे अपराधी बेलगाम और सरकार मुक दर्शक बनी देख रही है । पूर्वीं यूपी यानी पूर्वांचल में अपराधियों का दुस्साहस लगातार बढ़ रहा है। सोमवार की रात एक तरफ बलिया में निजी चैनल के पत्रकार की गोली मारकर हत्या कर दी गई तो दूसरी तरफ आजमगढ़ में निजामाबाद के नवादा में एक बीडीसी सदस्य को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया गया है। आजमगढ़ के तरवां में ही पिछले हफ्ते दलित प्रधान की गोली मारकर हत्या का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा है। उसे लेकर लगातार आंदोलन हो रहे हैं।
सोमवार रात 9 बजे नवादा बाजार में पंचायत चुनाव के संबंध में दो ग्रुप आपस में चर्चा कर रहे थे। इस बीच विवाद बढ़ गया। विवाद के बीच ही नवादा के क्षेत्र पंचायत सदस्य 35 वर्षीय सुरेंद्र यादव को गोली मार दी गई। आनन-फानन लोग सुरेंद्र को उठाकर सदर अस्पताल लेकर भागे।
अस्पताल पहुंचने से पहले ही सुरेंद्र ने दम तोड़ दिया। वारदात होते ही बाजार में सन्नाटा पसर गया। मौत की खबर गांव पहुंची तो कोहराम मच गया। लोगों का हंगामा शुरू हो गया। विरोधी गुट के घर पर हमले की आशंका में भारी संख्या में फोर्स तैनात कर दी गई। कई थाने की पुलिस वाहन आधे घंटे के अंदर पहुंच गई। खबर लिखे जाने तक नवादा में जबरदस्त तनाव का माहौल रहा।
उप में सामंती ताकतों के संरक्षण का नतीजा है कि आज़मगढ़ मे सरेआम गोलीयां चली और निज़ामाबाद के क्षेत्र पंचायत सदस्य सुरेंद्र यादव की हत्या । प्रशासन तत्काल हत्यारों को गिरफ्तार करे नहीं तो पूरे सूबे में रिहाई मंच कि तरफ से आंदोलन कि गई है । दलित प्रधान की हत्या के बाद आज बलिया में पत्रकार की हत्या ने साफ कर दिया कि प्रदेश में गुंडा राज है । रिहाई मंच सभी पीड़ित परिवार से मुलाक़ात करेगा।